
अब तक दर्ज तापमान में जुलाई, 2019 का तापमान सर्वाधिक होने की बात एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट में कही गई है (सांकेतिक तस्वीर)
इस अमेरिकी एजेंसी ने कहा है, “जुलाई में पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों ने अत्याधिक गर्मी झेली क्योंकि तापमान अब तक रिकॉर्ड किए गए सबसे गर्म महीने में नयी उंचाइयों पर पहुंच गया था. इस रिकॉर्ड गर्मी से आर्कटिक एवं अंटार्कटिक की बर्फ भी ऐतिहासिक रूप से पिघली.”
एक महीने पहले आई थी पश्चिमी यूरोप के तापमान में 10 डिग्री वृद्धि की ख़बर
इससे पहले जून के महीने के भी ऐतिहासिक रूप से अब तक के सबसे गर्म महीने होने की रिपोर्ट पिछले महीने सामने आई थी. जिसमें हीटवेव के कारण फ्रांस, जर्मनी, उत्तरी स्पेन और इटली के तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तापमान की वृद्धि दर्ज किए जाने की बात कही गई थी. इसे लेकर ग्लोबस वॉर्मिंग पर काम करने वाली कोपरनिकस टीम का कहना था कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सीधे तौर पर रिकॉर्ड ब्रेकिंग महीना कहना मुश्किल है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने अपने एक अलग विश्लेषण में कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते हीटवेव में पांच गुने तक की वृद्धि हुई है.
दुनिया के औसत तापमान में 3 डिग्री की वृद्धि
कॉपरनिकस टीम ने अपने अध्ययन में यह भी पाया था कि यूरोप के तापमान में 2019 के जून के तापमान, 1850 से 1900 की तुलना में औसत रूप से तीन डिग्री सेल्सियस तापमान की वृद्धि दर्ज की गई थी. कॉपरनिकस टीम के एक सदस्य जीन नोएल थापुत का कहना है कि हमारे आंकडे़ के अनुसार जून के अंतिम सप्ताह के दौरान यूरोप के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में असामान्य रूप से अधिक तापमान था. उन्होंने कहा कि भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग के चलते हम इसमें और अधिक वृद्धि देख सकते हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भारत के प्रमुख शहरों का तापमान में सभी समय में वृद्धि दर्ज की गई थी. इस साल जून में दिल्ली में इतिहास का सर्वाधिक 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था. जबकि धौलपुर में इस मौसम का सर्वाधिक 51 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था. बीकानेर में 48.9 डिग्री सेल्सियस और शिलांग में 29.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.
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First published: August 16, 2019, 5:04 AM IST
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