मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने घोषणा की है कि वह अपने डिजिटल बिजनेस के लिए पूरी तरह से एक सब्सिडियरी बनाएगी. यह ग्राहकों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करेगा और रिलायंस जियो (Reliance Jio) की सभी ऑपरेशन कर्जों को खत्म कर देगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के बोर्ड ने शुक्रवार को डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने की अनुमति दे दी है. यह ग्राहकों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करेगा. इसके लिए बोर्ड ने 1,08,000 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट को भी अनुमति दे दी है. यह इंवेस्टमेंट OCPS (ऑप्शनली कन्वर्टिबल प्रिफरेंस शेयर्स) पर अधिकार के जरिए लाइबिलिटी ट्रांसफर को प्रभावी करके किया जाएगा.
Jio के अंतर्गत आ जाएंगीं तमाम डिजिटल सेवाएं
टेलिकॉम सेक्टर की इस बड़ी कंपनी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि लाइबिलिटी ट्रांसफर Jio को वर्चुअली डेब्ट फ्री कंपनी यानि वर्चुअली कर्ज मुक्त कंपनी बना देगी. 1 अप्रैल, 2020 तक ऐसा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह नई कंपनी रिलायंस जियो की डिजिटल सेवाओं को पूरी तरह से ले लेगी.
यह नया प्लेटफॉर्म रिलायंस जियो की उपभोक्ता केंद्रित डिजिटल सेवाओं जैसे MyJio, JioTV, JioCinema, JioNews और JioSaavn को एक साथ ले आएगी.
इसके साथ ही, ग्रुप नए उभरते प्लेटफॉर्म कैटेगरी में भी निवेश करेगा. ऐसी कैटेगरी में स्वास्थ्य सेवाओं, खेती, शिक्षा, वाणिज्य, सरकारी सेवाओं, गेमिंग, मैनुफेक्चरिंग और कई अन्य चीजें भी शामिल हैं.
दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म में शामिल हो जाएगा Jio
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यह नया प्लेटफॉर्म नए दौर की डिजिटल तकनीक में भी निवेश करेगा, जिसके तहत ब्लॉकचेन, AI, ML, VR, AR, MR, कंप्यूटर विजन, एज कंप्यूटिंग, NLP और वॉइस इनेबल्ड सेवाएं भी शामिल होंगीं.
एक्सपर्ट इस कदम को RIL के ग्लोबल डिजिटल पावरहाउस बनने का कदम मान रहे हैं. उनका मानना है कि इससे Jio अल्फाबेट (गूगल की पेरेंट कंपनी) और चीनी कंपनी टेनसेंट (Tencent) जैसी कंपनियों की लीग में शामिल हो जाएगी.
जियो की लॉन्चिंग भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital Transformation) का एक दौर लेकर आई थी. ऐसा संभव हो पाया था इसके सस्ते डाटा के चलते. जिससे कई सारी गेमिंग, स्ट्रीमिंग सेवाओं और म्यूजिक और वीडियो सर्विसेज में भी दूसरी कई डिजिटल सेवाओं के साथ एक जबरदस्त उछाल आया था.
स्वास्थ्य सेवाओं, खेती, गेमिंग, शिक्षा आदि में भी होगा निवेश
इस कंपनी का फोकस नई उभरती तकनीकों जैसे न्यूज बिजनेस एवेन्यूज पर होगा, जिसमें उद्यमी और उपभोक्ता दोनों ही शामिल होंगे. इससे जुड़ी कंपनियों में, RIL ने दो साफ विभागों को चुन लिया है, जिसमें नए और डिजिटल प्लेटफॉर्म इनिशिएटिव काम करते हैं. इसमें इसके पहले से चल रहे डिजिटल प्लेटफॉर्म और उभरते प्लेटफॉर्म भी शामिल होंगे. उभरते प्लेटफॉर्म भारत में मेनस्ट्रीम सेक्टर्स में डिजिटल सेवाओं के अधिग्रहण को बढ़ावा देंगे. कुछ कैटेगरी को RIL के तहत नए, उभरते प्लेटफॉर्म्स के तौर पर लिस्ट किया गया है. इनमें स्वास्थ्य सेवाओं, खेती, शिक्षा, वाणिज्य, सरकारी सेवाओं, गेमिंग, मैनुफेक्चरिंग और कई अन्य चीजें भी शामिल हैं. इसके तहत, नई कंपनी मूल तकनीक देने के लिए भी काम करेगी.
इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ने जिस 1,08,000 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट को अनुमति दे दी है, वह इंवेस्टमेंट OCPS (ऑप्शनली कन्वर्टिबल प्रिफरेंस शेयर्स) पर अधिकार के जरिए लाइबिलिटी ट्रांसफर को प्रभावी करके किया जाएगा.
डिस्क्लेमर: न्यूज़18 हिंदी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का हिस्सा है. नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास ही है.
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