
श्रीहरिकोटा से 'कार्टोसैट-3' को किया जाएगा लांच
श्रीहरिकोटा से पृथ्वी के चित्रण और मेपिंग सैटेलाइट 'कार्टोसैट-3' (Cartosat-3) के साथ ही अमेरिका के 13 अन्य छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2019, 8:03 AM IST
चंद्रयान-2 का आर्बिटर अच्छे से काम कर रहा है
उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि 'चंद्रयान-2' का आर्बिटर अच्छी तरह काम कर रहा है और चंद्रमा के बारे में बहुत सी सूचनाएं भेज रहा है. चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास विफल हो गया था और इसकी हार्ड लैंडिंग हुई थी. इसके साथ ही इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था.
जानें क्या है कार्टोसैट-3
कार्टोसैट-3 एक सैटेलाइट है, यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटेलाइट है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा. पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. इस सेटेलाइट में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे. कार्टोसेट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद आधुनिक और कुशल उपग्रह है जिसकी अच्छी तस्वीर लेने की क्षमता है.
क्या है इसमें खासियत
सेटेलाइट में दुनिया का सबसे एडवांस्ड और ताकतवर कैमरा लगा हुआ है. कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम (9.84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा. यानी आप की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा. कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. कार्टोसैट-3 का बता दें कि पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर कार्टोसैट उपग्रहों की मदद ली गई थी. (भाषा इनपुट के साथ)
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First published: November 27, 2019, 8:03 AM IST
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