
सूत्रों के मुताबिक अचानक राज्यपाल ने एक ऐसा लेटर मांगा जो किसी भी विधायक या विधानमंडल के नेता के पास नहीं था.
शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) सहित तमाम विपक्षी दलों के नेता ने महाराष्ट्र विकास आघाडी के नाम से मोर्चा तैयार किया है. बुधवार को ये सब नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल के पहुंचे.
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2019, 9:20 AM IST
मुंबई. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के इस्तीफे के बाद अब हर किसी की निगाहें नई सरकार पर टिकी हैं. शिवसेना (Shiv Sena) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) 28 नवंबर को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले बुधवार को फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, राजभवन में एक डॉक्यूमेंट के चक्कर में सारे नेताओं को करीब ढाई घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा.
ढाई घंटे तक फंसे रहे नेता!
बता दें कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के नेता ने महाराष्ट्र विकास आघाडी के नाम से मोर्चा तैयार किया है. बुधवार को ये सब नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल के पहुंचे. महाराष्ट्र विकास आघाडी की तरफ से राज्यपाल को सारे डॉक्यूमेंट दिए गए. इसमें समर्थन से संबंधित सारे पत्र थे. यही नहीं इसमें सभी विधायकों के समर्थन पत्र भी थे. लिहाजा सभी नेताओं को उम्मीद थी कि महज कुछ मिनटों में राज्यपाल समर्थन पत्र, नेताओं और विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र देखकर उन्हें सरकार बनाने के लिए सहमति दे देंगे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अचानक राज्यपाल ने एक ऐसा लेटर मांगा जो किसी भी विधायक या विधानमंडल के नेता के पास नहीं था. लिहाजा इसी लेटर की वजह से महाराष्ट्र के राजभवन में घंटों सभी पार्टियों के नेता इंतजार करते रहे.
नहीं थी ये चिट्ठी
राजभवन में पहुंचे इन नेताओं के पास उद्धव ठाकरे का सहमति पत्र नहीं था. यानि वो चिट्ठी जिसमें इस बात का जिक्र हो कि सभी पार्टियां उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का जो प्रस्ताव दे रही है उस प्रस्ताव पर उद्धव ठाकरे सहमत है और वो महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं
मातोश्री में किया गया फोन
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वहां मौजूद दिग्गज नेताओं के बीच खलबली मच गई. तुरंत ही राजभवन में बैठे नेताओं ने मातोश्री फोन किया और वहां एक लेटर ड्राफ्ट कराया गया जिसमें उद्धव ठाकरे का सिग्नेचर लेकर उस लेटर को मेल किया गया. राजभवन में बैठे शिवसेना सहित तमाम दूसरी पार्टी के नेताओं ने उस लेटर का प्रिंट आउट निकाल कर राज्यपाल को दिया.
28 तारीख को शपथ
इसके बाद राज्यपाल ने 28 तारीख की शाम 6:40 पर उन्हें महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनाने की शपथ लेने का एक पत्र दिया. साथ ही उस पत्र में अगले 7 दिनों के भीतर उन्हें अपनी सरकार का विश्वास मत हासिल करने के लिए भी कहा. उद्धव ठाकरे का सहमति पत्र ना होने के कारण सभी पार्टी के नेताओं को करीब 2 से ढाई घंटे तक इंतजार करते रहे.
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First published: November 27, 2019, 8:08 AM IST
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