
बलवंत सिंह राजोआना की फांसी 31 मार्च, 2012 को मुकर्रर की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी. (फाइल)
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh) की 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में की मौत हो गई थी. इस धमाके में बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) को दोषी करार दिया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 12, 2019, 12:49 PM IST
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने का श्रेय दिया जाता है. 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में पूर्व मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी. इस आतंकी हमले में बेअंत सिंह के साथ सोलह अन्य लोगों की भी जान चली गई थी.
इस घटना में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी, जबकि बलवंत सिंह राजोआना इस बम धमाके की साजिश का दोषी पाया गया था. राजोआना दिलावर के असफल रहने पर बैकअप की भूमिका में था. राजोआना ने अपने बचाव में कोई वकील नहीं किया था और न ही फांसी कि सजा माफ करने की अपील की थी.
पंजाब में कई सिख संगठन, अकाली दल और सिख नेता पिछले कई सालों से राजोआना की रिहाई के लिए लगातार मांग उठा रहे थे. राजोआना की फांसी 31 मार्च, 2012 को मुकर्रर की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी. वहीं पिछले महीने की आखिर में केंद्रीय गृह मंत्रालय की उसकी उसकी फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दी थी.
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First published: November 12, 2019, 12:49 PM IST
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