
राम मंदिर ट्रस्ट में किसे मिलेगी जगह? (प्रतीकात्मक चित्र)
राम मंदिर (Ram Mandir) में पुजारियों का परिवारवाद नहीं चाहती वीएचपी (VHP), बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) की तर्ज पर चाहती है व्यवस्था, जिसमें पुजारी का ब्रह्मचारी होना है जरूरी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 12, 2019, 11:30 AM IST
ब्रह्मचारी रहने तक ही रह सकता है बद्रीनाथ मंदिर का पुजारी
दरअसल, बद्रीनाथ में ब्रह्मचारी रहने तक ही कोई ब्राह्मण पुजारी पद पर रह सकता है. उसे पूरे समय ब्रह्मचर्य का पालन करना होता यानी स्त्रियों का स्पर्श भी पाप माना जाता है. बद्रीनाथ की पूजा अर्चना के लिए पुजारी केरल के नंबूदरीपाद ब्राह्मण ही बन सकते हैं. इन्हें शंकराचार्य का वंशज माना जाता है. इन्हें रावल कहते हैं. केरल के नंबूदरीपाद ब्राह्मणों में से रावल का चयन बद्रीनाथ मंदिर समिति ही करती है. इनकी कम से कम योग्यता ये है कि इन्हें वहां के वेद-वेदांग विद्यालय का स्नातक और कम से कम शास्त्री की उपाधि होने के साथ ब्रह्मचारी भी होना चाहिए.

राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
क्या चाहती है वीएचपी?
वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट पर सरकार से बातचीत नहीं हुई है. हालांकि हमारा मानना है कि उसमें मंत्रियों या अफसरों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए. हम नहीं चाहते कि मंदिर निर्माण की निरंतरता में अधिकारियों के तबादले या मंत्रियों के पद से हटने से बाधा आए.
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First published: November 12, 2019, 11:09 AM IST
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