इस एक्टर का नाम है नाना पाटेकर, जिसे मौजूदा समय मे बॉलीवुड का एक महान कलाकार के अलावा एक एक दिल और गरीबों का मसीहा के रूप मे जाना जाता है। यह अपनी फिल्मों से ज्यादा अपनी दरियादिली के लिए चर्चा मे रहते हैं।नाना पाटेकर बॉलीवुड के ऐसे दानी अभिनेता हैं, जो अपनी कमाई का 90% हिस्सा गरीबों के लिए दान मे दे चुका है।
नाना पाटेकर ने तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए एक ख़ास फाउंडेशन बनाया है, अपनी संस्था के साथ मिलकर नाना पाटेकर महाराष्ट्र के 700 से ज्यादा सुखा संभावित क्षेत्रों के लिए जलाशयों का निर्माण भी करवा था। नाना पाटेकर हमेशा से ही सादा जीवन जीना पसंद करते हैं।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में नाना पाटेकर अपने दमदार एक्शन और डायलॉग के लिए जाने जाते हैं, इन्होने अपने करियर में 'क्रांतिवीर' 'यशवंत' 'तिरंगा' जैसी बहुत सी सुपर हिट फ़िल्में दी हैं, अपनी दमदार एक्टिंग और अभिनय के दमपर नाना सालों से बॉलीवुड मे बने हुए हैं, और अपनी फिल्मों की बदौलत करोड़ों की दौलत कमाई है।
नाना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मिडिल क्लास फैमिली में पले बढ़े होने के साथ कैसे एक झटके में दुनिया बदल गई थी। नाना ने बताया था - मेरे पिता टेक्सटाइल पेंटिंग में थे, और एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे।
जब मैं 13 साल का था तो मेरे पिता के एक करीबी ने उनकी प्रॉपर्टी समेत सब कुछ धोखे से हड़प लिया था। इसके बाद हम एक-एक रोटी को मोहताज हो गए थे। मुझे 13 साल की उम्र में काम करना पड़ा था। स्कूल के बाद मैं 8 किलोमीटर दूर चलकर जाता था, और फिल्मों के पोस्टर्स पेंट करता था। तब कहीं जाकर एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी। उस दौरान मुझे 35 रुपए महीने मिलते थे।
नाना के मुताबिक सफल होने की भूख ने मुझे इतना कुछ सिखा दिया कि मुझे किसी एक्टिंग स्कूल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। स्कूली दिनों में थियेटर करना शुरू किया था, और इसके बाद एप्लाइड आर्ट कॉलेज के बाद एक एड एजेंसी ज्वाइन की थी। मैं स्मिता पाटिल की वजह से फिल्मों में आया था।
नाना पाटेकर ने तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए एक ख़ास फाउंडेशन बनाया है, अपनी संस्था के साथ मिलकर नाना पाटेकर महाराष्ट्र के 700 से ज्यादा सुखा संभावित क्षेत्रों के लिए जलाशयों का निर्माण भी करवा था। नाना पाटेकर हमेशा से ही सादा जीवन जीना पसंद करते हैं।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में नाना पाटेकर अपने दमदार एक्शन और डायलॉग के लिए जाने जाते हैं, इन्होने अपने करियर में 'क्रांतिवीर' 'यशवंत' 'तिरंगा' जैसी बहुत सी सुपर हिट फ़िल्में दी हैं, अपनी दमदार एक्टिंग और अभिनय के दमपर नाना सालों से बॉलीवुड मे बने हुए हैं, और अपनी फिल्मों की बदौलत करोड़ों की दौलत कमाई है।
नाना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मिडिल क्लास फैमिली में पले बढ़े होने के साथ कैसे एक झटके में दुनिया बदल गई थी। नाना ने बताया था - मेरे पिता टेक्सटाइल पेंटिंग में थे, और एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे।
जब मैं 13 साल का था तो मेरे पिता के एक करीबी ने उनकी प्रॉपर्टी समेत सब कुछ धोखे से हड़प लिया था। इसके बाद हम एक-एक रोटी को मोहताज हो गए थे। मुझे 13 साल की उम्र में काम करना पड़ा था। स्कूल के बाद मैं 8 किलोमीटर दूर चलकर जाता था, और फिल्मों के पोस्टर्स पेंट करता था। तब कहीं जाकर एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी। उस दौरान मुझे 35 रुपए महीने मिलते थे।
नाना के मुताबिक सफल होने की भूख ने मुझे इतना कुछ सिखा दिया कि मुझे किसी एक्टिंग स्कूल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। स्कूली दिनों में थियेटर करना शुरू किया था, और इसके बाद एप्लाइड आर्ट कॉलेज के बाद एक एड एजेंसी ज्वाइन की थी। मैं स्मिता पाटिल की वजह से फिल्मों में आया था।