अगर आपका भी खाता पंजाब नेशनल बैंक , यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स में है तो थोड़ा सतर्क हो जाईये क्योंकि 1 अप्रैल को केंद्र सरकार PNB, UBI और OBC बैंको के विलय से बनने वाले बैंक के लिए नए नाम की घोषणा करेगी साथ ही नए बैंक का Logo भी जारी किया जाएगा.
विलय के बाद नया बैंक SBI के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा जिसकी कुल बाजार पूंजी 18 लाख करोड़ रुपये बैंको की मर्जर के बाद खाताधारकों की जमा पूंजी पर कोई असर नहीं होगा हालांकि पेपर वर्क के काम थोड़ा बढ़ जाएगा.
चलिए आपको बताते हैं कि मर्जर के बाद आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा. मर्जर के बाद आपको नया खाता नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है इसके लिए आप हमेशा ध्यान रखें कि आपका ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेट होना जरूरी है, बैंक हमेशा आपके फ़ोन नंबर और ईमेल आईडी पर किसी बदलाव के बारे में तुरंत जानकारी भेजता है, साथ ही आपको अपनी चेकबुक भी बदलनी होगी मान लो अगर आपका खाता UBI या फिर OBC में हैं तो आपको अपनी चेक बुक बदलने के लिए तैयार रहना होगा मौजूदा चेकबुक हालांकि कुछ समय के लिए मान्य रहेगा लेकिन बाद में उन्हें उस बैंक की चेकबुक से बदलना पड़ेगा जीस बैंक में विलय होगा इसके अलावा PNB ग्राहकों को भी नए पासबुक और चेकबुक मिलेंगे इसके साथ ही जिन ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर या फिर IFSC कार्ड अलॉट किए जाएंगे उन्हें भी इन सभी डिटेल्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम पर अपडेट करना होगा मर्जर के बाद नए बैंक में कई बदलाव होंगे, ऐसे में आपको अपनी ECS में बदलाव करना होगा इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर नए ECS निर्देश जारी करने होंगे जरूरत होने पर आपको इसी से जुड़ा फॉर्म ऑनलाइन या अपनी ब्रांच के जरिए भरना होगा ऑटो डेबिट या SIP के लिए आपको नया SIP रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है ऐसा ही लोन की EMI के लिए भी करना होगा. मर्जर के बाद बनने वाला नया बैंक अपनी कुछ ब्रांचों को बंद कर सकता है क्योंकि उस बिल्डिंग फिर आसपास UBI या फिर OBC की ब्रांच होगी तो उसे एक ही ब्रांच में शिफ्ट कर दिया जाएगा ऐसे में बैंक के खर्चे बचेंगे इसलिए आपको नई ब्रांच के लिए लागू नए IFSC और MICR कोड का ध्यान रखना होगा क्योंकि आप को फंड ट्रांसफर और अन्य फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए इसकी जरूरत पड़ सकती है
विलय के बाद नया बैंक SBI के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा जिसकी कुल बाजार पूंजी 18 लाख करोड़ रुपये बैंको की मर्जर के बाद खाताधारकों की जमा पूंजी पर कोई असर नहीं होगा हालांकि पेपर वर्क के काम थोड़ा बढ़ जाएगा.
चलिए आपको बताते हैं कि मर्जर के बाद आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा. मर्जर के बाद आपको नया खाता नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है इसके लिए आप हमेशा ध्यान रखें कि आपका ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेट होना जरूरी है, बैंक हमेशा आपके फ़ोन नंबर और ईमेल आईडी पर किसी बदलाव के बारे में तुरंत जानकारी भेजता है, साथ ही आपको अपनी चेकबुक भी बदलनी होगी मान लो अगर आपका खाता UBI या फिर OBC में हैं तो आपको अपनी चेक बुक बदलने के लिए तैयार रहना होगा मौजूदा चेकबुक हालांकि कुछ समय के लिए मान्य रहेगा लेकिन बाद में उन्हें उस बैंक की चेकबुक से बदलना पड़ेगा जीस बैंक में विलय होगा इसके अलावा PNB ग्राहकों को भी नए पासबुक और चेकबुक मिलेंगे इसके साथ ही जिन ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर या फिर IFSC कार्ड अलॉट किए जाएंगे उन्हें भी इन सभी डिटेल्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम पर अपडेट करना होगा मर्जर के बाद नए बैंक में कई बदलाव होंगे, ऐसे में आपको अपनी ECS में बदलाव करना होगा इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर नए ECS निर्देश जारी करने होंगे जरूरत होने पर आपको इसी से जुड़ा फॉर्म ऑनलाइन या अपनी ब्रांच के जरिए भरना होगा ऑटो डेबिट या SIP के लिए आपको नया SIP रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है ऐसा ही लोन की EMI के लिए भी करना होगा. मर्जर के बाद बनने वाला नया बैंक अपनी कुछ ब्रांचों को बंद कर सकता है क्योंकि उस बिल्डिंग फिर आसपास UBI या फिर OBC की ब्रांच होगी तो उसे एक ही ब्रांच में शिफ्ट कर दिया जाएगा ऐसे में बैंक के खर्चे बचेंगे इसलिए आपको नई ब्रांच के लिए लागू नए IFSC और MICR कोड का ध्यान रखना होगा क्योंकि आप को फंड ट्रांसफर और अन्य फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए इसकी जरूरत पड़ सकती है