नई दिल्ली। आरबीआई ने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैंकों से 3 महीने के लिए लोन और ईएमआई पर छूट देने को कहा था। इसके बाद अधिकतर बैंकों ने इसे 3 महीने के लिए लागू कर दिया था।
अब आरबीआई के नए 3 महीनों के लिए मोहलत के ऐलान के बाद ग्राहकों को कुल 6 महीने की छूट मिल जाएगी।
मतलब ये कि आप कुल 6 महीने तक लोन की ईएमआई नहीं देना चाहते हैं तो बैंकों की ओर से कोई दबाव नहीं पड़ेगा वहीं, आपका क्रेडिट स्कोर भी दुरुस्त रहेगा। यानी बैंक की नजर में आप डिफॉल्टर नहीं होंगे। हालांकि, इसके लिए आपको अतिरिक्त ब्याज देनी ।
रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले तीन दिन में एमपीसी ने घरेलू और ग्लोबल माहौल की समीक्षा की। इसके बाद रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का फैसला लिया गया है । लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट पर कैंची चलाई है।
इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था।। इसके बार बैंकों ने लोन पर ब्याज दर कम कर दिया था। जाहिर सी बात है कि इससे आपकी ईएमआई भी पहले के मुकाबले कम हो गई है।
अब आरबीआई के नए 3 महीनों के लिए मोहलत के ऐलान के बाद ग्राहकों को कुल 6 महीने की छूट मिल जाएगी।
मतलब ये कि आप कुल 6 महीने तक लोन की ईएमआई नहीं देना चाहते हैं तो बैंकों की ओर से कोई दबाव नहीं पड़ेगा वहीं, आपका क्रेडिट स्कोर भी दुरुस्त रहेगा। यानी बैंक की नजर में आप डिफॉल्टर नहीं होंगे। हालांकि, इसके लिए आपको अतिरिक्त ब्याज देनी ।
रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले तीन दिन में एमपीसी ने घरेलू और ग्लोबल माहौल की समीक्षा की। इसके बाद रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का फैसला लिया गया है । लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट पर कैंची चलाई है।
इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था।। इसके बार बैंकों ने लोन पर ब्याज दर कम कर दिया था। जाहिर सी बात है कि इससे आपकी ईएमआई भी पहले के मुकाबले कम हो गई है।