दोस्तों पूरी दुनिया में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है, हर देश इस बीमारी का इलाज ढूंढने में लगा है ऐसे में अमेरिका में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक ऐसी दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ है। जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे। इस दवा से सिर के बालों में मौजूद जुएं मारे जाते हैं। काफी दिनों से कुछ डॉक्टर इस दवा का जिक्र कर रहे थे कि इससे कोरोना का इलाज संभव है।
बता दे की अमेरिका में इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है।इससे पहले बगदाद यूनिवर्सिटी ने भी 5 मई को इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। इस दवा का नाम है आइवरमेक्टिन इस दवा को पिछले महीने अमेरिकी वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला की जांच में सफल पाया था। यानी इसने लैब में कोरोना वायरस को मार दिया था। अब इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। अमेरिका के डॉक्टरों का कहना है कि इस दवा के साथ एजिथ्रोमाइसिन, कैमोस्टेट मीसाइलेट का भी ट्रायल होगा। इसके बाद सभी दवाओं का अलग-अलग और कॉम्बिनेशन के रूप में ट्रायल किया जाएगा। जो ज्यादा कारगर होगा उसे आगे बढ़ाया जाएगा।
University of Baghdad Launches Ivermectin Clinical Trial for COVID-19 Patients https://t.co/NaFxVGTOsJ
— EZEQUIEL JETHMAL (@EZEQUIELJETHMAL) May 5, 2020
अमेरिका की केंटकी यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन की साइंटिस्ट और इस ट्रायल का नेतृत्व करने वाली डॉ. सुसैन ऑर्नाल्ड ने कहा कि अभी तक कोई दवा ऐसी नहीं बनी है जो कोरोना वायरस को खत्म कर दे। न ही उसकी कोई वैक्सीन बनी है। इसलिए हम तीनों दवाओं का कॉम्बिनेशन और अकेल के असर को देखना चाहते हैं। इससे पहले 5 मई को इराक में बगदाद यूनिवर्सिटी ने भी आइवरमेक्टीन दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। यहां पर आइवरमेक्टीन 0.2 से करीब 50 मरीजों पर ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल अगस्त तक चलेगा।
#Australia
The FDA-approved Drug Ivermectin inhibits the replication of SARS-CoV-2 in vitro.Autores
Leon Caly
Victorian Infectious Diseases Laboratory
Royal Melbourne HospitalKylie M. Wagstaff
Biomedicine Institute,
Monash University
Cc@AlvaradoC_MPPShttps://t.co/AH23EUBoxi— ALÓ FERTILIZANTES (@AloFertilizante) April 7, 2020
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में रॉयल मेलबर्न हॉस्पीटल और विक्टोरियन इंफेक्शियस डिसीज रेफरेंस लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने आइवरमेक्टीन पर स्टडी की थी। यह स्टडी पिछले महीने आई थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस को मारने में ये दवा सक्षम है। ऑस्ट्रेलिया का स्टडी में साफ तौर पर कहा गया था कि आइवरमेक्टीन दवा 48 घंटों के अंदर कोरोना वायरस मर जा रहा है। वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना वायरस के ऊपर यह दवा डाली। फिर हैरान करने वाले नतीजे सामने आए। लैब में पता चला कि पहले 24 घंटे वायरस की संख्या घट जाती है। अगले 24 घंटे में ये कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म कर देती है। ये बात अमेरिका के लैब में भी पुख्ता हो चुकी है। अब क्लीनिकल ट्रायल के बाद क्या नतीजे आते हैं, ये जानना जरूरी है।