
नई दिल्ली: कोविद -19 महामारी के समय में भी मोदी सरकार ने विकास कार्यों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ये हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकारी आंकड़े ये बातें कह रहे हैं। यहां प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-पीएमएवाई की बात हो रही है। सरकारी दावों के अनुसार, लॉकडाउन के रिकॉर्ड समय में, मंत्रालय ने साढ़े तीन लाख ग्रामीण घरों को तैयार किया है।
बताया जा रहा है कि जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों के कौशल आंकड़ों के माध्यम से राज्य सरकारों की मदद से मजदूरों से लेकर मजदूरों और मजदूरों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया। नतीजतन, 20 अप्रैल से शुरू हुए मकानों के काम में हर दिन औसतन 12 से 13 हजार घर शनिवार तक तैयार हो रहे हैं।
बता दें कि ग्रामीण योजना को प्रभावी बनाने में आने वाले श्रम और वस्तुओं की कठिनाइयों को दूर करते हुए, मंत्रालय ने मार्च 2021 तक एक करोड़ 21 लाख घरों को तैयार करने के लक्ष्य का सख्ती से पीछा किया है। जिसमें से अब तक 22 लाख घरों का निर्माण किया जा चुका है। जबकि तीसरी किस्त राशि 48 लाख घरों के लिए मंजूर की गई है। PMAY में, मार्च 2022 तक 2 करोड़ 21 लाख घरों का निर्माण किया जाना था। केंद्र सरकार ने इस साल ग्रामीण आवास योजना के लिए 19 हजार पांच सौ करोड़ के बजट को मंजूरी दी।