रायसेन। एक 75 वर्षीय वृद्ध को अपनी लकवा ग्रस्त पत्नी को जिला अस्पताल से साइकिल पर कपड़े की झोली में लटकाकर 80 किलोमीटर दूर घर ले जाने के लिए निकलना पड़ा।
रायसेन में एक बुजुर्ग अपनी लकवा ग्रस्त पत्नी को जिला अस्पताल द्वारा कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं कराने पर साइकिल से निकला 20 किलोमीटर दूर तक,भोपाल से आ रहे एक समाजसेवी की नजर पड़ी उस पर तहसीलदार को फ़ोन करने पर तहसीलदार द्वारा उसको एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई गयी।
अस्पताल प्रसाशन द्वारा बरती जा रही लापरवाही,ऐसा गलती बार बार की जाती है फिर भी अस्पताल प्रसाशन पर कार्यवाही नही की जाती है. वृद्ध 20 किलोमीटर तक तो लटकाकर पहुचा पत्नी को अगर राहगीर समाज सेवी मदद नही करते तो 80 किलोमीटर तक क्या हाल होता इन दोनो का. क्या लोगो मे मानवता खत्म हो गई है.
अस्पताल से डिसचार्ज के वक्त सब को जानकारी होने के बाद भी इस वृद्ध को साइकिल पर पत्नी को लटकाकर ले जाने दिया. यह वयक्ति रायसेन जिले के कुंडली-बम्होरी का बताया जा रहा है।
रायसेन में एक बुजुर्ग अपनी लकवा ग्रस्त पत्नी को जिला अस्पताल द्वारा कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं कराने पर साइकिल से निकला 20 किलोमीटर दूर तक,भोपाल से आ रहे एक समाजसेवी की नजर पड़ी उस पर तहसीलदार को फ़ोन करने पर तहसीलदार द्वारा उसको एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई गयी।
अस्पताल प्रसाशन द्वारा बरती जा रही लापरवाही,ऐसा गलती बार बार की जाती है फिर भी अस्पताल प्रसाशन पर कार्यवाही नही की जाती है. वृद्ध 20 किलोमीटर तक तो लटकाकर पहुचा पत्नी को अगर राहगीर समाज सेवी मदद नही करते तो 80 किलोमीटर तक क्या हाल होता इन दोनो का. क्या लोगो मे मानवता खत्म हो गई है.
अस्पताल से डिसचार्ज के वक्त सब को जानकारी होने के बाद भी इस वृद्ध को साइकिल पर पत्नी को लटकाकर ले जाने दिया. यह वयक्ति रायसेन जिले के कुंडली-बम्होरी का बताया जा रहा है।