
नई दिल्ली। लॉकडाउन के कारण गाड़ियों के पहियों पर ब्रेक लगा। रेल सेवाओं को लंबे समय तक बंद रखने के बाद, श्रमिकों के लिए घर और बाद में अन्य जरूरतमंदों के लिए सीमित ट्रेनें चलाई गईं। लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने का फैसला किया है। ऐसे में अब यात्रियों को ट्रेन में सफर करने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेनों का चयन करने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, 200 किलोमीटर के दायरे में चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को एस्प्रेस ट्रेनों में बदला जाएगा। इससे ट्रेन की गति बढ़ जाएगी। जिससे गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगेगा। इसलिए ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी होगी। यात्री श्रेणी की तुलना में प्रति यात्री टिकट में औसतन 50 से 60 रुपये की वृद्धि होगी।
भोपाल रेल मंडल से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों जैसे भोपाल-जोधपुर, भोपाल-इटारसी विंध्याचल, झांसी-इटारसी आदि को एक्सप्रेस ट्रेन बनाया जा सकता है। अधिकांश कम आय वाले स्थानीय यात्री इन ट्रेनों में यात्रा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक दिन में 1200 से 1500 यात्री पैसेंजर ट्रेन में सफर करते हैं। इस तरह से भोपाल रेलवे डिवीजन की चार पैसेंजर ट्रेनों में एक दिन में 6 हजार यात्री सफर करते हैं।
जबकि पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस समय बनाने से बचाया जाएगा, ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए छोटे स्टॉप को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके कारण रोजाना यात्रा करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हर छोटे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के अभाव में रेलवे को इसकी वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान देना होगा।