
नई दिल्ली। लद्दाख की गैलवन घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश के 20 सैनिकों की मौत हो गई है। अब देश में चीन के खिलाफ गुस्से का माहौल है। लोगों ने चीन को सबक सिखाने के लिए चीनी सामान के बहिष्कार की मांग की है। अब इस बीच, चीन को झटका देते हुए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को चीनी कंपनियों की उपयोगिता कम करने का आदेश दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, बुधवार को, सरकार ने संचार विभाग और राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4 जी के कार्यान्वयन के लिए चीनी उपकरणों के उपयोग को रोकने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस संबंध में सभी निविदाओं को समाप्त करने का आदेश दिया है और नई निविदाएं वापस लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। सरकार चीनी कंपनियों को 4 जी के लिए कोई नया टेंडर नहीं देगी और नए सिरे से टेंडर वापस लेगी।
केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को भी ये निर्देश देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस तरह, भारत में चीनी सामानों को कम करने की दिशा में एक बड़ी पहल शुरू की गई है, जिससे चीनी सामानों के उपयोग को कम किया जा सकता है। इस कदम को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भी देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि 15-16 जून की रात को लद्दाख की गैलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस संघर्ष में 43 चीनी सैनिक भी मारे गए हैं। हालांकि, चीन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया।