
वीडी बाबा
कुशीनगर। छोटी माता और बड़ी माता (चेचक )के चले आ रहे लोक अंधविश्वास के बाद कोरोना भी अब देवता हो गया, कोरोना से असुरक्षा की पैदा हुई भावना से यह अंधविश्वास तेजी से फैल रहा है,यूपी बिहार के कई जनपदों में कोरोना की पूजा किये जाने की खबर है, बिना सोशल डिस्टेन्सिंग व मास्क के किए जाने वाले कोरोना की मनुहार (पूजा) स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है,
काफी समय से चेचक को देवी के रूप में अघोषित मान्यता समाज में मिल चुका है, हालांकि इसका वैज्ञानिक व चिकित्सा विज्ञान में कोई आधार नहीं है यह अंधविश्वास इस कदर पैठ गया है कि लोग इलाज से कतरा जाते हैं, गाँव के माली द्वारा पूजा व महिलाओं के अन्य टोटके से ही इस पर काबू पाया जाता है, इसी तरह समय समय पर इन्सेफ्लाइटिस,ज्वर, आंख का संक्रमण ,उल्टी दस्त , जैसे विमारी फैलने पर वैसे भी वर्ष में एक से दो बार गाँव के बाहर समूह में कड़ाही चढाने,कपूर जलाने,छांक देने ,जल देने,डीह स्थान की पूजा आदि का कार्यक्रम महिलाएँ करती है इसके पीछे अपनो की सुरक्षा का भाव होता है परंतु इन सब में व कोरोना में जमीन आसमान का अंतर है ,इस वायरस का अबतक कोई दवा वैक्सीन नहीं है इसको रोकने के लिए सामाजिक व शारीरिक दूरी जरूरी है।
कुशीनगर जनपद के एक गाँव की महिला का कोरोना को देवी बताने व पूजा करने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो बिना सोचे विचारे महिलाओं ने इस अंधविश्वास पर अमल शुरू कर दिया है, समय रहते महिलाओ को समझाबुझाकर इस पूजा को रोका नहीं गया तो यह बीमारी को फैलने का एक जरिया बन जाएगा ।