
दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय समिति ने दिल्ली में कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार को रोकने के मद्देनजर निषिद्ध क्षेत्रों में फिर से मानचित्रण की सिफारिश की। अलगाव में संक्रमित लोगों के संपर्क में लोगों को रखने का सुझाव भी दिया। गृह मंत्री ने वीके पॉल समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को सुझाव दिया। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समिति ने सिफारिश की कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में फिर से सख्त निगरानी रखी जाए और कहा जाए कि क्षेत्र के भीतर उनकी सीमाओं और गतिविधियों को बनाए रखा जाए।
इसके अनुसार, समिति ने प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में लोगों का पता लगाने और उन्हें अलग निवास स्थान पर रखने का सुझाव दिया है। इस कार्य के लिए आरोग्य सेतु और इतिहास ऐप को संयुक्त रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। समिति की इस रिपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक में चर्चा की गई और दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान, शाह ने दिल्ली सरकार को समिति की रिपोर्ट को लागू करने का सुझाव दिया। शाह ने 14 जून को NITI Aayog के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया।
बयान के अनुसार, यह सुझाव दिया गया था कि निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर के सभी स्थानों की निगरानी के साथ-साथ स्क्रिप्टिंग भी की जानी चाहिए ताकि दिल्ली का विस्तृत विवरण उपलब्ध हो सके। समिति ने यह भी सिफारिश की कि कोविद -19 से प्रभावित लोगों का इलाज अस्पतालों, कोविद के स्वास्थ्य केंद्रों या घर के अलग-अलग इलाकों में किया जाना चाहिए। सिफारिश के अनुसार, कोरोना वायरस प्रभावित लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिल्ली के सभी जिलों को एक बड़े अस्पताल से जोड़ा जाएगा। इसके लिए एक समय सारिणी भी तैयार की गई है।